In 2008, there was no liquidity in the market. Today there is no liquidity crisis. It is more a crisis of confidence. That is different from not having money to lend.
from Banking/Finance-Industry-Economic Times https://ift.tt/2NYLs5z
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*एक महिला रोज बैंक आती थी और बिना किसी काम के बैठी रहती थी..*
**मैनेजर ने पूछा*: आपका काम क्या है? तुम रोज बैंक क्यों आते हो?*
**महिला*: मुझे घर पर कोई ...
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